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तेरी तलाश में है दिल,
तेरी ही आश लिए है,
मगर न जाने छुप गयी,
है तू कहाँ.....
बहुत ही बेचैन है,
बस एक नज़र को तेरी,
मगर न जाने छुप गयी,
है तू कहाँ......
मैं तुमको प्यार करूँ कितना,
तुझे खबर ही नहीं,
मगर यकीं है मुझे इतना,
के तू मिलेगी कहीं,
सदा ही साथ रहू तेरे,
यही तमन्ना है,
मगर न जाने छुप गयी,
है तू कहाँ.....
तुझे ही सोचता हू मैं हरपाल,
तेरा ही इन्तेज़ार करूँ,
बिना तेरे अब मैं एक पल भी,
न जियूं न मरुँ,
तू ही है जिंदगी मेरी,
जियूं मैं तेरे लिए,
मगर न जाने छुप गयी,
है तू कहाँ.....
कुंदन विद्यार्थी.
Monday, 19 August 2013
तेरी तलाश में
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