मैं हूँ और तारे हैं,
सुन्दर से नज़ारे हैं,
भीगी सी टहनियों पे,
खिलते फूल सारे हैं,
बादल की बूँदें भी,
उतरेंगी ज़मी पर आज,
इठलाती बलखाती,
सारी बहारें हैं ||
सबकी है नज़र तुमपर,
गुमशुम हो कहाँ तुम, पर,
आज फिर नाराज हो अगर,
माफ़ी दो, सारे हैं,
ना केक है न गिफ्ट है,
होंठो पे दुआएं हैं,
तुमको हसानें की,
हर कोशिश लाये हैं||
सब ही सब गाते हैं,
रौशनी जलाते हैं,
हम तेरी राहों को,
फूल से सजाते हैं,
सतरंगी सपनों को,
तेरे लिए लाये,
तेरे लिए हम सब,
खुशियाँ बुलाते हैं||
ना पार्टी मांगे हम,
ना ही कुछ और चाहें,
मुस्कान तेरे लबों पे,
हम सारे चाहे हैं,
शायद बेगाने हैं,
पर तेरे दीवाने हैं,
टूटकर भी खुशियाँ दे तुझे,
हम तो वो तारे हैं||
कुंदन विद्यार्थी
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